Emergency ki inside story (Record no. 86547)
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
fixed length control field | 190128b xxu||||| |||| 00| 0 eng d |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9789352663569 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 891.438 |
Cutter | Nay |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Nayar, Kuldip |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Emergency ki inside story |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication, distribution, etc | New Delhi |
Name of publisher, distributor, etc | Prabhat Prakashan |
Date of publication, distribution, etc | 2017 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Number of Pages | 232p. |
520 ## - Remark | |
Summary, etc | ‘इन सबकी शुरुआत उड़ीसा में 1972 में हुए उप-चुनाव से हुई। लाखों रुपए खर्च कर नंदिनी को राज्य की विधानसभा के लिए चुना गया था। गांधीवादी जयप्रकाश नारायण ने भ्रष्टाचार के इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के सामने उठाया। उन्होंने बचाव में कहा कि कांग्रेस के पास इतने भी पैसे नहीं कि वह पार्टी दफ्तर चला सके। जब उन्हें सही जवाब नहीं मिला, तब वे इस मुद्दे को देश के बीच ले गए। एक के बाद दूसरी घटना होती चली गई और जे.पी. ने ऐलान किया कि अब जंग जनता और सरकार के बीच है। जनता—जो सरकार से जवाबदेही चाहती थी और सरकार—जो बेदाग निकलने की इच्छुक नहीं थी।’ ख्यातिप्राप्त लेखक कुलदीप नैयर इमरजेंसी के पीछे की सच्ची कहानी बता रहे हैं। क्यों घोषित हुई इमरजेंसी और इसका मतलब क्या था, यह आज भी प्रासंगिक है, क्योंकि तब प्रेरणा की शक्ति भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मिली थी और आज भी सबकी जबान पर भ्रष्टाचार का ही मुद्दा है। एक नई प्रस्तावना के साथ लेखक वर्तमान पाठकों को एक बार फिर तथ्य, मिथ्या और सत्य के साथ आसानी से समझ आनेवाली विश्लेषणात्मक शैली में परिचित करा रहे हैं। वह अनकही यातनाओं और मुख्य अधिकारियों के साथ ही उनके काम करने के तरीके से परदा उठाते हैं। भारत के लोकतंत्र में 19 महीने छाई रही अमावस पर रहस्योद्घाटन करनेवाली एक ऐसी पुस्तक, जिसे अवश्य पढ़ना चाहिए। |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Item type | Book |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Permanent location | Current location | Shelving location | Date acquired | Source of acquisition | Full call number | Barcode | Date last seen | Cost, replacement price | Koha item type |
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HBCSE | HBCSE | Hindi | 2019-01-28 | Paridrishya prakashan | 891.438 Nay | 2019-01-28 | 450.00 | Book |