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Aazadi Ke Tarane (Hindi) Vol 2

By: Patoria, Rajendra (Ed).
Material type: materialTypeLabelBookPublisher: New Delhi Prabhat Prakashan 2008Description: xix;351 8.5x5.5 hb.ISBN: 9788173156823.DDC classification: 891.431 Summary: स्वाधीनता आंदोलन के दौरान भारतीय जन-मानस को उद्वेलित कर देनेवाले प्रेरक गीत, .गज़ल एवं कविताएँ रची गईं। ये गीत-.गज़लें-तराने आज़ादी के दीवानों ने स्वयं रचे। वीर हुतात्माओं ने कारावास की भीषण यातनाओं को सहते हुए, फाँसी के फंदे को चूमते हुए इन गीतों को गुनगुनाया और हँसते-हँसते मृत्यु का आलिंगन कर लिया। प्रस्तुत संकलन में देशप्रेम और मातृभूमि के लिए सेवा-समर्पण-त्याग की तान छेड़नेवाले तराने हैं; ऐसे गीत भी संकलित हैं, जिन्हें भयभीत ब्रिटिश सरकार ने ज़ब्त कर लिया था। आज़ादी की लड़ाई के दौर में ये तराने संजीवनी शक्‍ति का काम करते रहे। आज़ादी के ये अमर गीत देशाभिमानी एवं निर्भीक कवियों के हैं; स्वातंत्र्य समर में अपने आपको सहर्ष समर्पित कर देनेवाले वीरों के हैं। संघर्ष के दौरान देशवासियों तक स्वाधीनता का संदेश पहुँचाने के लिए, उन्हें चैतन्य करने के लिए रचनाकार इन्हें अखबारों, परचों और पत्रिकाओं आदि के माध्यम से जनता तक पहुँचाते रहे थे। इसीलिए आज ये इतिहास एवं राष्‍ट्र की अमूल्य धरोहर हैं। काल का ग्रास बनने से बची इन रचनाओं का ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह संरक्षण आवश्यक है। इसी दिशा में यह कृति एक स्तुत्य प्रयास है। राष्‍ट्राभिमानियों-बलिदानियों की इस थाती के प्रकाशन का उद‍्देश्य तब ही सफल होगा जब प्रत्येक भारतीय इस पुस्तक को पढ़े और इससे राष्‍ट्र-प्रेम की प्रेरणा प्राप्‍त करे।
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Book Book Hindi Book 891.431/Pat (Browse shelf) Available 17106
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891.431/Nee Tumhare Liye (Hindi) 891.431/Nee/Auj Neeraj Ke Prem Geet (Hindi) 891.431/Pat Aazadi Ke Tarane (Hindi) 891.431/Pat Aazadi Ke Tarane (Hindi) Vol 2 891.431/Pri Kagaz Aur Canvas 891.431/Rat Bihari Ratnakar (Hindi) 891.431/Sah Hanso Hanso Jaldi Hanso (Hindi)

स्वाधीनता आंदोलन के दौरान भारतीय जन-मानस को उद्वेलित कर देनेवाले प्रेरक गीत, .गज़ल एवं कविताएँ रची गईं। ये गीत-.गज़लें-तराने आज़ादी के दीवानों ने स्वयं रचे। वीर हुतात्माओं ने कारावास की भीषण यातनाओं को सहते हुए, फाँसी के फंदे को चूमते हुए इन गीतों को गुनगुनाया और हँसते-हँसते मृत्यु का आलिंगन कर लिया। प्रस्तुत संकलन में देशप्रेम और मातृभूमि के लिए सेवा-समर्पण-त्याग की तान छेड़नेवाले तराने हैं; ऐसे गीत भी संकलित हैं, जिन्हें भयभीत ब्रिटिश सरकार ने ज़ब्त कर लिया था। आज़ादी की लड़ाई के दौर में ये तराने संजीवनी शक्‍ति का काम करते रहे। आज़ादी के ये अमर गीत देशाभिमानी एवं निर्भीक कवियों के हैं; स्वातंत्र्य समर में अपने आपको सहर्ष समर्पित कर देनेवाले वीरों के हैं। संघर्ष के दौरान देशवासियों तक स्वाधीनता का संदेश पहुँचाने के लिए, उन्हें चैतन्य करने के लिए रचनाकार इन्हें अखबारों, परचों और पत्रिकाओं आदि के माध्यम से जनता तक पहुँचाते रहे थे। इसीलिए आज ये इतिहास एवं राष्‍ट्र की अमूल्य धरोहर हैं। काल का ग्रास बनने से बची इन रचनाओं का ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह संरक्षण आवश्यक है। इसी दिशा में यह कृति एक स्तुत्य प्रयास है। राष्‍ट्राभिमानियों-बलिदानियों की इस थाती के प्रकाशन का उद‍्देश्य तब ही सफल होगा जब प्रत्येक भारतीय इस पुस्तक को पढ़े और इससे राष्‍ट्र-प्रेम की प्रेरणा प्राप्‍त करे।

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