Mahabhiyog (Hindi)
By: Deshpande, Anjali.
Publisher: New Delhi Rajkamal Prakashan 2016Description: 304 8.5x5.5.ISBN: 9788126728008.DDC classification: 891.433/ Summary: ‘महाभियोग’ अंजलि देशपांडे के पहले अंग्रेजी उपन्यास ‘इम्पीचमेंट’ का हिंदी संकरण है. ‘औद्योगिक विकास की जो निर्दय, निर्विवेक विरासत भोपाल गैस काण्ड की विराट त्रासदी के रूप में’ लगभग तीस साल पहले भोपाल वासियों के ऊपर टूट पड़ी थी, इस उपन्यास का विषय वही है| ‘विकट थी विभीषिका लेकिन चाहे जितनी भी विकट क्यों न हो, विभीषिकाएँ वक्त के साथ महज़ कागजी कारवाईयों में शेष रह जाती हैं—हताहतों की संख्याएं, मुआवजों के आंकड़े,...संभावित हादसों की हालत में सुरक्षा का वायदा करने वाले प्रावधान, तरह-तरह के अधिनियम, कायदे-क़ानून जिनके अचूक होने का कोई आश्वासन नहीं होता.Item type | Current location | Collection | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Hindi | Book | 891.433/Des (Browse shelf) | Available | 23540 |
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891.433/Cha File Padi Padi (Hindi) | 891.433/Cha Vaishali Ki Nagarvadhu | 891.433/Con Andhkup (Hindi) | 891.433/Des Mahabhiyog (Hindi) | 891.433/Doy/Nig Nachti Hui Aakritiyon Ka Rahasya (Hindi) | 891.433/Gor Maa (Hindi) | 891.433/Gor/Dwi Zikre Firaq Koyla Bhai Na Rakh (Hindi) |
‘महाभियोग’ अंजलि देशपांडे के पहले अंग्रेजी उपन्यास ‘इम्पीचमेंट’ का हिंदी संकरण है. ‘औद्योगिक विकास की जो निर्दय, निर्विवेक विरासत भोपाल गैस काण्ड की विराट त्रासदी के रूप में’ लगभग तीस साल पहले भोपाल वासियों के ऊपर टूट पड़ी थी, इस उपन्यास का विषय वही है| ‘विकट थी विभीषिका लेकिन चाहे जितनी भी विकट क्यों न हो, विभीषिकाएँ वक्त के साथ महज़ कागजी कारवाईयों में शेष रह जाती हैं—हताहतों की संख्याएं, मुआवजों के आंकड़े,...संभावित हादसों की हालत में सुरक्षा का वायदा करने वाले प्रावधान, तरह-तरह के अधिनियम, कायदे-क़ानून जिनके अचूक होने का कोई आश्वासन नहीं होता.
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