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020 _a9789350642559
082 _a294.54/
_bPat
100 _aPattanaik, Devdutt
245 _aBhartiya Pauranik Kathaein (Hindi)
260 _c2015
_bRajpal & Sons
_aDelhi
300 _a204p.
_c8.5x5.5
520 _aरक्तरंजित और विकराल रूप वाली काली से लेकर विध्नहारी गणेश तक भारतीय आध्यात्मिक जगत ऐसे पात्रों से आबाद है, जिनका कोई प्रतिरूप दुनिया के किसी भी और देश में नहीं मिलता। एक रहस्यमय और अनोखी दुनिया से रू-ब-रू कराती है यह पुस्तक और पौराणिक कथाएँ प्राचीन पुराकथाओं में इन पात्रों की समृद्ध बुनावट को रेशा-दर-रेशा खोलती है और यह दिखाती है कि भारतीय पुराकथाएँ तभी बेहतर तौर पर समझी जा सकती हैं जब हम पश्चिमी, एकेश्वरवादी धारणा से हटकर हिन्दू परम्पराओं के देवी-देवता बहुल संसार में प्रवेश करें। हज़ारों वर्षों के दौरान भारतीय आख्यानों और उनकी व्याख्या पर नज़र डालती हुई भारतीय पौराणिक कथाएँ यह प्रदर्शित करती हैं कि कैसे इन कथाओं में वर्णित रीति-रिवाज़, कर्मकांड और कला आज भी जीवन्त बनी हुई है और पीढ़ी को अपनी ओर आकर्षित करती है।
546 _aHin
650 _aHindu mythology
942 _cBK
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