000 nam a22 7a 4500
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008 180726b xxu||||| |||| 00| 0 eng d
020 _a9788126730735
082 _a791.4309
_bDut/Cha
100 _aDutta, Amit
245 _aKhud Se Kayi Sawal (Hindi)
_b(Ek Bhartiya Film-Chhatra Ki Notebook)
260 _aNew Delhi
_bRajkamal Prakashan
_c2017
300 _a155p.
_bhb
_c9x6
520 _aहमारी कई विडम्बनाओं में से एक यह है कि हमारे समय के कई सफल व्यक्ति और माध्यम चिन्तनशील नहीं हैं : उन पर यह लांछन नहीं लगाया जा सकता कि वे जो कुछ करते-धरते हैं उसके पीछे कोई सुचिन्तित दृष्टि है। यह बात फिल्म और फिल्मकारों पर, दुर्भाग्य से, बहुत लागू होती है। अमित दत्ता एक युवा फ़िल्मकार हैं और यह पुस्तक उनके नोट्स का संचयन है जिनमें जब-तब सोची गयी बातें दर्ज हैं। उनमें खोज की बेचैनी और अचरज, विचार-विनोद, अपने माध्यम की स्वतन्त्रता को लेकर प्रश्नाकुलता और खुलापन सब कुछ साथ हैं। फिल्म को, सौभाग्य से, रचना और चिंतन की एक विश्व-परम्परा उपलभ्य है : अमित उसे आसानी से स्वायत्त करते, उससे स्पन्दित होते और अपने ढंग से सोच-विचार करते फ़िल्मकार हैं और उनकी जिज्ञासा, विकलता, प्रश्नवाचकता हमें नयी रोशनी में फिल्म देखने-समझने की उत्तेजना देती है।
700 _aChaturvedi, Geet (Tr)
942 _cBK